🌸 Chapter 9: फूलदेई - Veena 1 Class 3 🌸
उत्तराखंड का बाल पर्व और प्रकृति से प्रेम!
✨ पाठ परिचय
यह पाठ "फूलदेई", उत्तराखंड का एक पारंपरिक पर्व है जो बच्चों द्वारा मनाया जाता है। यह वसंत ऋतु के स्वागत का प्रतीक है। इसमें बच्चे टोली बनाकर घर-घर जाकर फूल बिखेरते हैं और मंगलकामनाएँ देते हैं। यह पाठ प्रकृति से प्रेम, परंपराओं से जुड़ाव, सामूहिकता, सहयोग और संस्कृति की झलक प्रस्तुत करता है।
📚 कठिन शब्द – अर्थ और उदाहरण वाक्य
फूलदेई
अर्थ: वसंत आगमन पर मनाया जाने वाला पर्व
वाक्य: जानकी फूलदेई त्योहार पर अपने मित्रों के साथ गई।
इजा
अर्थ: उत्तराखंड में माँ को कहने का शब्द
वाक्य: जानकी की इजा ने उसे सुबह उठाया।
देहली
अर्थ: दरवाजे की चौखट
वाक्य: बच्चों ने हर घर की देहली पर फूल बिखेरे।
पूजकर
अर्थ: पूजा करके
वाक्य: बच्चों ने हर देहली को पूजकर मंगलगीत गाए।
समृद्धि
अर्थ: संपन्नता, भरपूरता
वाक्य: फूलदेई मंगल की कामना और समृद्धि का प्रतीक है।
🧠 पाठ पर आधारित प्रश्नोत्तर
उत्तर दीजिए
1. त्योहार क्यों मनाए जाते हैं?
उत्तर: त्योहार सामाजिक, धार्मिक और सांस्कृतिक एकता को बढ़ाते हैं और जीवन में आनंद लाते हैं।
2. आपका प्रिय त्योहार कौन-सा है और क्यों?
उत्तर: (विद्यार्थी के अनुसार। उदाहरण: मुझे दिवाली प्रिय है क्योंकि हम दीप जलाते हैं, मिठाइयाँ खाते हैं।)
3. आप अपना प्रिय त्योहार कैसे मनाते हैं?
उत्तर: हम घर साफ करते हैं, सजाते हैं, मिठाइयाँ बनाते हैं और उपहार बाँटते हैं।
4. वसंत ऋतु में भारत में कौन-कौन से त्योहार मनाए जाते हैं?
उत्तर: होली, फूलदेई, बैसाखी, गुड़ी पड़वा, चैती छठ।
5. उत्तराखंड में माँ को क्या कहकर बुलाते हैं? आप क्या कहते हैं?
उत्तर: वहाँ 'इजा' कहते हैं, मैं 'माँ' (या अम्मा/अम्मी/आई) कहता/कहती हूँ।
💬 बातचीत के लिए
1. ‘फुलारी’ किसे कहते हैं?
उत्तर: फूलदेई त्योहार पर फूल लेकर घर-घर जाने वाली बच्चों की टोली को फुलारी कहते हैं।
2. फुलारी को मिले चावल और गुड़ से क्या बनता है?
उत्तर: हलवा, साई, पापड़ी जैसे स्थानीय व्यंजन।
3. फूलदेई को 'बाल पर्व' क्यों कहा जाता है?
उत्तर: क्योंकि यह पर्व बच्चों द्वारा मनाया जाता है।
4. फूलदेई पर्व बच्चों को प्रकृति से कैसे जोड़ता है?
उत्तर: बच्चे फूल चुनते हैं, पर्वत, जंगल और ऋतुओं को समझते हैं।
✍️ सोचिए और लिखिए – विराम चिह्न सुधार
गलत वाक्य:
गरिमा को तिल खाना बहुत पसंद है वह अपने मित्र गौरव, दीपक ममता और नितिन को भी तिल खाने की सलाह देती है क्या आपको भी तिल खाना पसंद है
सही वाक्य:
गरिमा को तिल खाना बहुत पसंद है। वह अपने मित्र गौरव, दीपक, ममता और नितिन को भी तिल खाने की सलाह देती है। क्या आपको भी तिल खाना पसंद है?
🌸 ऋतु आधारित त्योहार
| ऋतु | त्योहार |
|---|---|
| वसंत (मार्च–अप्रैल) | फूलदेई, होली, चैती छठ |
| शरद (सितंबर–अक्टूबर) | दशहरा, दुर्गा पूजा, करवाचौथ |
| हेमंत (नवंबर–दिसंबर) | दीपावली, भाई दूज, गुरुपर्व |
🗓️ विद्यालयीन अवकाश तालिका
| अवकाश | समयावधि (कब से – कब तक) | कुल दिन |
|---|---|---|
| ग्रीष्मकालीन | मई के अंत – जून के मध्य | 30 दिन (उदाहरण) |
| शीतकालीन | दिसंबर अंत – जनवरी प्रारंभ | 10–15 दिन |
| शरदकालीन | दशहरा के समय | 7 दिन |
(तथ्य स्थानीय विद्यालय के अनुसार बदल सकते हैं।)
🏠 घर की सजावट – त्योहारों में
मैं अपने घर को सजाने के लिए इन वस्तुओं का प्रयोग करता/करती हूँ:
- रंगोली
- फूलों की माला
- दीपक
- आम या अशोक के पत्तों से तोरण
- दीवार सजावट वस्तुएँ
- दीपमालाएँ (लाइट्स)
🎨 तोरण निर्माण: बच्चों से फूल-पत्तियों या रंगीन कागज से सजावटी तोरण बनवाएं।
🌿 ज्ञानवर्धक जानकारी – फूल
बरुांस के फूल: लाल रंग के, दवाई में उपयोगी, हिमालयी क्षेत्र में पाए जाते हैं।
फ्योंली के फूल: पीले रंग के, वसंत आगमन की सूचना देते हैं, सुंदरता के प्रतीक हैं।
📖 मेरी कल्पना (रचनात्मक लेखन)
कल्पना कीजिए: मधुरानी उद्यान में गई और वहाँ फूलों से बातचीत की। आप क्या लिखेंगे?
उत्तर (उदाहरण):
मधुरानी: "नमस्ते सूरजमुखी बहन, आप कितनी चमकीली लग रही हैं!"
सूरजमुखी: "धन्यवाद बहन, हम सूरज के साथ घूमते हैं।"
दलिया: "हम सभी मिलकर बग़ीचे को सुंदर बनाते हैं।"
✅ सीख के संकेत
- त्योहारों की सामाजिक और प्राकृतिक महत्ता की समझ
- विराम चिह्न का सही प्रयोग
- लोक परंपरा और संस्कृति से जुड़ाव
- सृजनात्मकता और सामूहिक सहभागिता
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