2. बगीचे का घोंघा
जिज्ञासा और रोमांच की कहानी!
दुर्भाषी शब्द (शब्दार्थ व उदाहरण)
छेद
अर्थ: छोटा सुराख
वाक्य: घोंघा बगीचे की दीवार के छेद से बाहर झाँकता था।
सकुमार
अर्थ: कोमल, नाजुक
वाक्य: शाखाएँ सकुमार थीं।
आश्चर्य
अर्थ: हैरानी
वाक्य: उसने दुनिया देखी तो आश्चर्य में पड़ गया।
अद्भुत
अर्थ: बहुत अनोखा
वाक्य: बाहर की दुनिया उसे बहुत अद्भुत लगी।
अचकचा गया
अर्थ: चौंक जाना
वाक्य: पत्थर देखकर वह अचकचा गया।
कहानी पर आधारित प्रश्नोत्तर
प्रश्न 1: घोंघे को बगीचे के एक किनारे से दूसरे किनारे तक पहुँचने में दो दिन क्यों लगते थे?
उत्तर: क्योंकि वह बहुत धीरे चलता था और बगीचा उसके लिए बहुत बड़ा था।
प्रश्न 2: घोंघा बगीचे से बाहर क्यों जाना चाहता था?
उत्तर: वह बाहर की दुनिया को देखना चाहता था, जो उसके लिए अनजानी और आकर्षक थी।
प्रश्न 3: घोंघे ने बाहर आकर क्या देखा?
उत्तर: मैदान, लाल चींटियाँ, पत्थर, गिलहरी, गेंद, पीपल का पेड़, बड़ का पेड़, सूखा पत्ता, और कुत्ता।
बातचीत के लिए सही उत्तर चुनिए
प्रश्न: घोंघा बगीचे से बाहर क्यों जाना चाहता था?
उत्तर: (घ) उसे उद्यान बहुत छोटा लगता था। ✅ ✔️
प्रश्न: घोंघे को बड़ा पत्थर पहाड़ जैसा क्यों लगा?
उत्तर: (ब) उसने पहले इतनी बड़ी वस्तु नहीं देखी थी। ✅ ✔️
पंक्ति पूर्ति – छूटे हुए शब्द जोड़िए
सही क्रम:
- मैदान, पत्थर, गिलहरी, गेंद
- कुत्ता, बड़ का पेड़
सोचिए और लिखिए
प्रश्न: घोंघे ने जीवन में पहली बार क्या देखा?
उत्तर: लाल चींटियाँ
प्रश्न: घोंघे की आँखें आश्चर्य से क्यों खुली रह गईं?
उत्तर: क्योंकि उसने बड़ का विशाल पेड़ पहली बार देखा।
प्रश्न: उद्यान की दीवार में छेद देखकर घोंघे को क्या याद आता था?
उत्तर: उसकी माँ का यह कहना कि “वह दुनिया हमारी दुनिया से अलग है, वहाँ मत जाना।”
भाषा की बात – वाक्य निर्माण
प्रश्न: दिए गए शब्दों से वाक्य बनाइए:
- आश्चर्य: विशाल पेड़ देखकर मैं आश्चर्यचकित रह गया।
- अद्भुत: बाहर की दुनिया उसे अद्भुत लगी।
- अचानक: अचानक एक सूखा पत्ता उस पर गिर गया।
- छोर: बगीचे का छोर पार करने में उसे दो दिन लगे।
घोंघे की तरह आपको क्या अद्भुत लगता है?
प्रश्न: अपने घर, विद्यालय, या पास की कोई अद्भुत वस्तु बताइए।
उत्तर: मुझे विद्यालय का पुस्तकालय अद्भुत लगता है क्योंकि वहाँ ज्ञान का खज़ाना है।
उद्यान के भीतर और बाहर – तुलना तालिका
| उद्यान के भीतर | उद्यान के बाहर |
|---|---|
| छोटा और शांत बगीचा | विशाल खेल मैदान |
| पेड़-पौधे | विशालकाय पेड़ और जीव |
| माँ की बातों की याद | नए अनुभव और रोमांच |
मिलान कीजिए – कथन और कारण
| घोंघे का कथन | कब कहा |
|---|---|
| “वाह! दुनिया सचमुच कितनी बड़ी है।” | जब उसने बच्चों का खेल मैदान देखा। |
| “वाह! दुनिया तो कितनी मज़ेदार है।” | जब सूखा पत्ता उसके ऊपर गिरा। |
| “वाह! दुनिया कितनी अद्भुत है।” | जब उसने विशाल बड़ का पेड़ देखा। |
| “वाह! सब कुछ कितनी तेजी से चलता है।” | जब उसने कुत्ते को गेंद के पीछे दौड़ते देखा। |
ध्वनियाँ कैसी होती हैं?
| वस्तु | ध्वनि |
|---|---|
| बादलों का गरजना | घड़-घड़ |
| पानी का बरसना | टप-टप |
| मेंढक की आवाज | टर्र-टर्र |
| घंटी की आवाज | टन-टन |
| हवा का बहना | सssssssss (सरसराहट) |
अनुमान और कल्पना
प्रश्न: घोंघा बगीचे में कब से रह रहा होगा?
उत्तर: बहुत समय से, क्योंकि उसे हर कोना पहचान में आता था।
प्रश्न: उसे एक छोर से दूसरे छोर तक जाने और लौटने में कितना समय लगता था?
उत्तर: आने-जाने में कुल 48 घंटे यानी दो दिन लगते थे।
घोंघे से भेंट – संवाद कल्पना
संवाद:
बच्चा: अरे! आप कौन?
घोंघा: मुझे नहीं पहचानते? मैं घोंघा, नहीं तो और कौन?
बच्चा: आप इतने धीरे क्यों चलते हैं?
घोंघा: ताकि मैं सबकुछ ध्यान से देख सकूं।
बच्चा: क्या बाहर की दुनिया अच्छी है?
घोंघा: हाँ, अद्भुत और मज़ेदार!
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