13. हमारा आदित्य
सूर्य और आदित्य-एल 1 मिशन की वैज्ञानिक यात्रा!
🔆 पाठ का सारांश
यह पाठ एक संवादात्मक शैली में बच्चों और अध्यापक के बीच हुई बातचीत को दर्शाता है, जिसमें "आदित्य-एल1" मिशन के माध्यम से सूर्य के बारे में वैज्ञानिक जानकारी दी गई है। इसमें सूर्य की प्रकृति, उसकी गर्मी का कारण, "आदित्य-एल 1" मिशन का उद्देश्य और "लैग्रांज बिंदु" की अवधारणा को सरल शब्दों में समझाया गया है। अंत में विद्यार्थियों में वैज्ञानिक बनने की प्रेरणा भी झलकती है।
पाठ पर आधारित प्रश्नोत्तर
(क) हमारे वैज्ञानिकों ने आदित्य-एल 1 का निर्माण क्यों किया?
उत्तर: सूर्य के रहस्यों को जानने और उसके ताप, प्रकाश, गैसों और प्रभावों का अध्ययन करने के लिए।
(ख) “आदित्य-एल 1 अंतरिक्षयान, अंतरिक्षयान के प्रकार का ही एक यान है” – ऐसा अध्यापक ने क्यों कहा?
उत्तर: क्योंकि यह भी एक विशेष मिशन वाला यान है जो सूर्य के बारे में जानकारी जुटाने के लिए अंतरिक्ष में भेजा गया है।
(ग) 'एल 1' क्या है और उसका कार्य क्या है?
उत्तर: 'एल 1' एक विशेष बिंदु (लैग्रांज प्वाइंट) है, जहाँ सूर्य और पृथ्वी की गुरुत्वीय शक्ति संतुलित होती है। इस बिंदु से यान सूर्य का आसानी से अध्ययन कर सकता है।
(घ) “सात घोड़ों के रथ पर आकाश में घूमने वाला राजा” — ऐसा वाणी ने क्यों कहा?
उत्तर: क्योंकि यह सूर्य का पौराणिक वर्णन है जो उसने पहले सुन रखा था।
बहुविकल्पीय प्रश्न (MCQs)
प्रश्न: सूर्य मुख्य रूप से किन गैसों से बना है?
उत्तर: (क) हाइड्रोजन, (घ) हीलियम
प्रश्न: राहुल के अनुसार सूर्य है —
उत्तर: (ग) आग का गोला
प्रश्न: आदित्य-एल1 ने कितने रंगों के चित्र भेजे हैं?
उत्तर: (घ) बारह
प्रश्न: आदित्य-एल 1 का मुख्य कार्य है —
उत्तर: (क), (ख), (घ) — सभी सही
रिक्त स्थान पूर्ति (शब्दों से)
- i. हम सब बड़े होकर वैज्ञानिक बनेंगे।
- ii. रवि अध्यापक की ओर अचरज से देखता है।
- iii. आदित्य-एल1 ने कुछ अद्भुत चित्र भेजे हैं, उन्हें देखते रह जाओगे।
- iv. भारत के ओडिशा के पुरी जिले में सूर्यदेवता का एक बहुत सुंदर मंदिर है।
- v. अध्यापक ने भास्कर से कहा कि इस कक्षा में दो और आदित्य हैं।
समानार्थी शब्द (उदाहरण)
आदित्य के अन्य नाम:
- भास्कर
- दिनेश
- रवि
- सूर्यनारायण
- दिवाकर
(बच्चों से कम से कम 3 और नाम सुझाने के लिए कहें)
संवाद लेखन – आदित्य-एल1 और सूर्य की भेंट
- आदित्य-एल 1: नमस्कार सूर्यदेव! मैं आपका अध्ययन करने आया हूँ।
- सूर्य: अरे! तुम कौन हो? पहले कभी नहीं देखा!
- आदित्य-एल 1: मैं पृथ्वी से भेजा गया अंतरिक्षयान हूँ। मैं आपकी गर्मी, प्रकाश और रहस्यों को समझने के लिए यहाँ हूँ।
- सूर्य: तुमसे मिलकर अच्छा लगा। पर मेरी ऊष्मा को सहन कर पाना आसान नहीं है!
- आदित्य-एल 1: चिंता न करें! मैं विशेष रूप से तैयार किया गया हूँ, ताकि आपकी किरणों को रिकॉर्ड कर सकूँ।
व्याकरणिक अभ्यास
(क) संज्ञा, सर्वनाम, विशेषण
| संज्ञा | सर्वनाम | विशेषण |
|---|---|---|
| सूर्य | मैं, आप | गरम, बहुत |
| समुन | उसे | अद्भुत |
| रवि | हम | बारह रंगों वाले |
| आदित्य | कोई | विशेष |
(ख) उपसर्ग से शब्द निर्माण
| उपसर्ग | उदाहरण शब्द |
|---|---|
| प्र– | प्रकाश, प्रारंभ |
| पर– | परिक्षण, परिणाम |
| अव– | अवकाश, अवरोध |
| सु– | सुंदर, सुप्रभात |
कल्पनात्मक लेखन – यदि मैं वैज्ञानिक बन गया...
प्रश्न: सूर्य की गर्मी से बचने के लिए क्या व्यवस्था करेंगे?
उत्तर: मैं ऐसा अंतरिक्ष सूट पहनूँगा जो ऊष्मा को झेल सके और सूर्य के पास जाने वाले यान की ढाल थर्मल प्रोटेक्शन से बनी होगी।
प्रश्न: सूर्य से जुड़े कौन-से रहस्य खोजने का प्रयास करेंगे?
उत्तर: सूर्य के अंदर की ऊर्जा कैसे उत्पन्न होती है, सूर्य पर होने वाले विस्फोटों का पृथ्वी पर क्या प्रभाव होता है, और उसकी सतह पर धब्बे क्यों बनते हैं।
चित्र आधारित अभ्यास
- सूर्य के 12 रंगों के चित्रों की पहचान
- सौर ऊर्जा के उपयोगों पर पोस्टर बनाना
- ‘लैग्रांज बिंदु’ और उसकी स्थिति का आरेख
अन्य गतिविधियाँ
- विज्ञान प्रदर्शनी: आदित्य-एल1 मॉडल बनाना
- नाटक मंचन: आदित्य-एल1 और सूर्य के बीच वार्तालाप
- गीत / कविता लेखन: "ओ सूरज, तेरी बात निराली..."
- विज्ञान प्रश्नोत्तरी: अंतरिक्ष, ग्रह, सूर्य, आदित्य एल1 पर आधारित
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